बलिया। शहर में रोजाना घंटों लगने वाले जाम का एक प्रमुख कारण सड़क किनारे अवैध रूप से खड़े वाहन भी हैं। चौक क्षेत्र में तो एनएच 31 तक सटाकर वाहन का स्टैंड जैसा बना दिया गया है। स्थिति यह है कि जाम के कारण यहां से निकलना भी मुश्किल हो जाता है। अगल बगल में पुलिस पिकेट भी तैनात है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती है। इससे जाम की समस्या बढ़ती जा रही है। प्रशासन और यातायात पुलिस की लापरवाही के चलते जाम की समस्या से निजात नहीं मिल रहा है।
हालात यह है कि कोई ऐसा दिन नहीं होता, जिस दिन कम से कम एक बार शहर का चप्पा-चप्पा जाम की चपेट में न रहता हो। शहर के प्रमुख और व्यस्ततम चित्तू पांडेय चौराहा पर तो यातायात पुलिस पोस्ट के सामने ही चारों तरफ सड़क पर ई-रिक्शा का अघोषित स्टैंड बना रहता है। शहर के विभिन्न स्थानों पर सड़क पर ही कहीं बाइक तो कहीं अन्य वाहनों को खड़ा कर दिया जाता है। जाम से राहत दिलाने को लेकर एसपी की ओर से पांच माह पहले की गई कवायद का भी पूरी तरह पालन नहीं किया जा रहा है। ढाई साल पहले जाम से राहत दिलाने के लिए शहर में संचालित वाहन स्टैंडों को नगर से बाहर कर दिया गया। इसके बाद इन स्टैंडों से सवारियों को ढोने के लिए ई-रिक्शा का चलन शुरू हुआ, जो अब प्रशासन के साथ ही आम शहरवासियों के लिए सिरदर्द बनते जा रहे हैं। आलम यह है कि सुबह से लेकर शाम तक शहर के प्रमुख मार्गों पर जाम की स्थिति बनी रहती है। जाम के चलते जहां लोगों को घंटों परेशान होना पड़ता है। आरोप भी लगते हैं कि यातायात पुलिस की कृपा से यहां मनमाने तरीके से सड़कों पर ई-रिक्शा खड़ा किया जाता है। मंगलवार को भी खासकर चित्तू पांडेय चौराहा, टीडी कॉलेज चौराहा, स्टेशन मालगोदाम रोड आदि स्थानों पर कहीं ई रिक्शा सड़कों पर खड़ा कर सवारी बैठाने का चालक करते रहे तो अन्य स्थानों पर कहीं बाइक व अन्य वाहने सड़कों पर ही घंटों खड़े रहे।
जाम से राहत को लेकर लगातार कार्रवाई की जा रही है। सड़कों पर खड़े वाहनों का ई-चालान और पटरी तक दुकान लगाने वाले दुकानदारों को नोटिस देने का काम भी किया जाता है। – विक्रमजीत सिंह, सीओ सिटी और नोडल अधिकारी यातायात