लखनऊ।सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर भाजपा गठबंधन मे शामिल होने के जुगत मे है।भाजपा को बहुमत मिलने के बाद वह दिल्ली मे अमित शाह व अन्य नेताओं से मिल चुके है।लेकिन इसकी पुष्टि न तो सुभासपा कर रही है न ही भाजपा का कोई बड़ा नेता।
टीवी चैनलों में दावा किया जा रहा है कि समाजवादी पार्टी गठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़े ओपी राजभर की बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है।
अटकलें हैं कि ओपी राजभर एक बार फिर भाजपा के साथ जाकर योगी सरकार में मंत्री बन सकते हैं। 2017 में उन्होंने भाजपा गठबंधन के साथ चुनाव लड़ा था और योगी सरकार में मंत्री भी बने थे, लेकिन बाद में वह बागी हो गए और हाल में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव के अहम गठबंधन साथी रहे। हालांकि, चुनाव में सपा की हार के बाद से ही अटकलें लगने लगीं कि राजभर एक बार फिर रास्ता बदल सकते हैं।
बताया जा रहा है कि ओम प्रकाश राजभर ने शुक्रवार को दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह, यूपी के प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान के साथ मुलाकात की। बैठक में सुनील बंसल भी मौजूद थे। चारों नेताओं के बीच लगभग एक घंटे तक बातचीत हुई। हालांकि, भाजपा या सुभासपा किसी भी पक्ष से इस मुलाकात की पुष्टि नहीं की गई है।
यदि ओपी राजभर सपा का साथ छोड़ते हैं तो 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अखिलेश यादव को झटका लगेगा, वहीं भाजपा राजभर के सहारे पूर्वांचल के कुछ जिलों में हुए नुकसान की भरपाई करना चाहेगी। इन क्षेत्रों में राजभर की पार्टी की पकड़ मजबूत हो चुकी है। ओपी राजभर की पार्टी ने इस चुनाव में छह सीटों पर कब्जा किया है। भाजपा गठबंधन ने जहां 273 सीटों पर जीत हासिल की है तो सपा गठबंधन 125 सीटों पर सिमट गया।राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो राजनीति मे कोई स्थाई दोस्त या दुस्मन नही होता।वैसे योगी जी की मुखालफत करने वाले ओमप्रकाश को गठबंधन मे शामिल होने के बाद योगी सरकार मे किया दायित्व मिलेगा यह देखना होगा।