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शिक्षा के तीन भाग संज्ञानात्मक, भावात्मक और क्रियात्मक होते हैःगिरिजेश दत्त शुक्ल

बैरिया | अमरनाथ मिश्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय दुबे छपरा के राष्ट्रीय सेवा योजन की ईकाई के तत्वावधान में चल रहे सप्तदिवसीय विशेष शिविर का समापन रविवार को हुआ। मुख्य अतिथि पूर्णानंद इंटर कॉलेज दुबे छपरा,बलिया के प्रधानाचार्य गिरिजेश दत्त शुक्ल थे। सर्वप्रथम स्वयंसेवियों ने महाविद्यालय में अपने द्वारा रोपित पौधों की सिंचाई की।फिर वापस पड़ाव स्थल प्राथमिक विद्यालय गोपालपुर/उदै छपरा में आकर शेष कार्यक्रम पूरा किया। कार्यक्रम की शुरुआत मुख़्य अतिथि के द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्पार्पण से शुरू हुआ फिर दीप प्रज्वलित हुआ। समवेत राष्ट्र गान व संकल्पगीत का गायन हुआ। कार्यक्रम के प्रारंभ में कार्यक्रम अधिकारी डॉ संजय मिश्र द्वारा आयोजन के विषयवस्तु पर सारगर्भित प्रकाश डाला गया। इसके बाद स्वयंसेवियों ने भिन्न-भिन्न तरह के संस्कृति कार्यक्रम प्रस्तुत किये,जो बहुत ही रोचक रहे।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गिरिजेश दत्त शुक्ल ने कहा कि शिक्षा के तीन भाग संज्ञानात्मक, भावात्मक और क्रियात्मक होते है। इसमें राष्ट्रीय सेवा योजना क्रियात्मक भाग का प्रतिनिधित्व करता है। विद्यार्थियों को सेवा भाव का अपने अंदर विकास करना चाहिए। क्योंकि सेवा द्वारा ही नया प्रतिमान स्थापित किया जा सकता है। कार्यक्रम में डॉ शैलेन्द्र कुमार रॉय,डॉ गोपाल पांडेय,श्री स्वामीनाथ तिवारी,श्री नर्वदेश्वर तिवारी ने भी संबोधन किया। अंत मे महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ गौरीशंकर द्विवेदी ने आभार ज्ञापित करते हुए सभी को आशीर्वचन प्रदान किये। सम्पूर्ण कार्यक्रम का नेतृत्व डॉ संजय मिश्र ने किया।इस अवसर पर श्री संतोष मिश्र, श्री अच्छेलाल ठाकुर,डॉ परमानंद पांडेय,नरेंद्र मिश्र,शिवाजी तिवारी,रविन्द्र ठाकुर,योगेंद्र शाह समेत अनेक ग्रामवासी उपस्थित रहे।

Dainik Anmol News Team