बैरिया,बलिया। इम्ब्राहिमाबाद नॉबरार के बाढ़ विस्थापितो के मंसूबे पर उस समय पानी फिर गया जब ऐन मौके पर पहुंचकर चांद दियर के प्रधान ने अपने ग्राम सभा के नवीन परती की जमीन पर आशियाना बनाने से मना कर दिया। प्रधान विनोद यादव का कहना है कि हमारे जानकारी में है कि गलती से उक्त जमीन नई परती के नाम से एलॉट है जबकि वह जमीन वास्तव में भारत सरकार की रेलवे की जमीन है। ऐसे में मैं अपने ग्राम सभा को जानबूझ कर जंग का अखाड़ा क्यो बनने दूँ। बताते चले कि इंटक के जिलाध्यक्ष विनोद सिंह के नेतृत्व में पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत इम्ब्राहिमाबाद नॉबरार के कटान पीड़ितों ने ऐलान किया था कि हमे सरकार बसाये या न बसाये हम लोग सरकार की खाली पड़ी नवीन परती जमीन पर साफ सफाई कर अपना छप्पर हर हाल में डालेंगे। शुक्रवार को सैकड़ो की संख्या में बाढ़ विस्थापित हाथों में कुदाल,रंभा,खुरपा,रस्सी,तिरपाल आदि सामान लेकर चांद दियर चौराहा पर तय समय पर पहुँच गये। इंटक नेता विनोद सिंह भी अपने समर्थकों के साथ वहां पहुंचकर बाढ़ विस्थापितों के साथ कार्यक्रम की रूप रेखा तय करने लगे। इसी बीच सूचना पर उक्त मौजे के प्रधान विनोद यादव भी अपने समर्थकों के साथ मौके पर पहुंच गये। दोनों पक्षो के बीच काफी देर तक हंगामा होता रहा। चांद दियर के प्रधान विनोद यादव अपनी बात पर अड़े रहे। उनका कहना था कि तहसील प्रशासन नई परती जमीन पर अगर चिन्हित भी कर देती है तो भी हम वहां नही बसने देंगे। ऐसा होने से हमारे ग्राम सभा मे विवाद उत्पन्न होगा और यह स्थिति हम पैदा ही नही होने देंगे। अंत मे इंटक नेता विनोद सिंह व बाढ़ विस्थापितों के बीच मैराथन बैठक के बाद तय हुआ कि विनोद सिंह शनिवार को पुनः जिलाधिकारी से मिलकर बाढ़ विस्थापितों की समस्या से अवगत करायेंगे। इसमें सार्थक परिणाम निकलता है तो ठीक है नही तो फिर बाढ़ विस्थापितों द्वारा इंटक नेता विनोद सिंह के नेतृत्व में जिलाधिकारी कार्यालय पर अनिश्चित कालीन धरना,अनशन व प्रदर्शन किया जायेगा। जिसकी सारी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी। इ
-बाढ़ विस्थापितों द्वारा पूर्व नियोजित कार्यक्रम की जानकारी दिये जाने के बाद भी तहसील प्रशासन का कोई भी नुमाइंदा का वहां न पहुंचना खासा चर्चा का विषय रहा। वहां उपस्थित क्षेत्रीय लोगो का कहना था कि अगर चांद दियर के प्रधान विनोद यादव द्वारा उक्त भूमि के सम्बंध में हस्तक्षेप नही होता तो बाढ़ विस्थापित नवीन परती की खाली पड़ी जमीन में अपना आशियाना डालकर एक नया विवाद को जन्म देते।
– क्षेत्रीय प्रबुद्ध लोगो ने पूरे प्रकरण में तहसील प्रशासन को दोषी ठहराते हुये बाढ़ विस्थापितों को अविलंब बसाने की जनहित में जिलाधिकारी से मांग की है जिससे वर्षो से बना यह विवाद का पटाक्षेप हो सके।