बैरिया (बलिया) ।दोकटी पुलिस द्वारा सरकारी दुकान से पकड़े गये शराब को दोकटी के अनुज्ञापि जितेंद्र सिंह ने अपनी दुकान का शराब बताया है। जितेंद्र सिंह ने कहा कि मुझे नही मालूम कि पुलिस किसके दबाव में मुझे व मेरे स्टाफ को फर्जी ढंग से फंसा रही है। मुझे अपनी शराब को डिपो से खरीद का कागज तक दिखाने का मौका नही दिया गया। दुकानदार जितेन्द्र सिंह ने बताया कि हम दुकानदारों द्वारा प्रदेश सरकार को अच्छी खासी राजस्व के रूप में एक्साइज टैक्स अदा करते है। पुलिस मुझे जान बूझकर आरोपी बना रही है। पुलिस द्वारा बनाये गये कहानी को मुझे स्वीकार करने पर मजबूर किया जा रहा है। जबकि वास्तविकता यह है कि शराब की निकासी करते समय मजदूरों द्वारा एक दुकान का शराब गलती से दूसरे दुकानदार के गाड़ी पर लोड कर दिया जाता है। वहां सिर्फ पेटी व ब्रांड को मिलाकर गाड़ी को रवाना कर दी जाती है। अगर मेरे दुकान पर दूसरे का माल आया है तो यह अपराध की श्रेणी में नही है। वजह हमने प्रदेश सरकार की एक्साइज अधिभार को पूर्ण रूप से चुकता किया है। इस एवज में अधिक से अधिक मुझ पर फाईन लगाया जा सकता है। शराब हमने अपने गोदाम में रखा था न कि बिहार के बॉर्डर पर। पुलिस गोदाम से मेरे द्वारा खरीदी गयी शराब सहित मुझे व मेरे स्टाफ को फंसाने पर पूरी तरह आमादा दिखी। दोकटी पुलिस द्वारा किसी के इशारे पर हमारे सम्मान को धूमिल करने का कुचक्र रचा गया है।
इस सम्बंध में जिला आबकारी अधिकारी अनुपम राजन से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि दोकटी ठेके से शराब पकड़े जाने की सूचना हमे भी मिली है। दोकटी की देशी व अंग्रेजी शराब की ठेके की दुकान वैध है इसमें कोई संशय नही है। शराब पकड़े जाने के सम्बन्ध में उप जिलाधिकारी बैरिया प्रशांत नायक ने मुझे इसकी जांच के लिये बुलाया है। जांचोपरांत मामला पूर्णतया स्पष्ट हो जायेगा।