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बैरिया के प्रभु दर्शन भवन में महिला दिवस व महाशिवरात्रि पर त्रिमूर्ति शिव जयंती का 88वां महोत्सव ,कलयुग में मानव शरीर में ही देव और असुर मौजूद हैं,एसडीएम बैरिया

बैरिया  ,बलिया – प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरी विश्वविद्यालय शाखा बैरिया के प्रभु दर्शन भवन में शुक्रवार को महिला दिवस व महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर त्रिमूर्ति शिव जयंती का 88 वां महोत्सव मनाया गया । जिसके मुख्य अतिथि बैरिया एसडीएम सुनील कुमार रहे । वशिष्ठित अतिथि नायब तहसीलदार बैरिया राजेश कुमार ,सीओ बैरिया उस्मान ,भाजपा की महिला मोर्चा की महिमा सिंह व जी जीआइसी जेपी नगर की किरण सिंह,शालिनी पांडे ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की सूरुवात किया। कार्यक्रम को संबोधित करते मुख्य अतिथि एसडीएम बैरिया ने महिला दिवस पर महिलाओं को शिव शक्ति, दुर्गा सरस्वती का उपमा देते हुए बताया महिलाओ के बिना सृष्टि का विकास संभव नहीं है । भगवान भोलेनाथ का एक स्वरूप अर्धनारीश्वर भी है । हर पुरुष में नारी तथा हरनारियों में पुरुष के गुण विद्यमान होते हैं । इसलिए नारी शिव शक्ति स्वरूपा कही गई।शिवरात्रि के आध्यात्मिक रहस्य को बताते हुए कहा कि सतयुग में केवल देवता रहा करते थे । द्वापर में देवता और दानव दोनों अलग-अलग रहते थे। कलयुग में मनुष्य के शरीर में ही देवता गुण और असुर गुण दोनों मौजूद हैं । इस तरह आज के बदलते परिवेश में मनुष्य को सुख, शांति, समृद्धि के लिए अध्यात्म से जुड़ने को बताया । और प्रभु राम की कहानी बताते हुए कहा कि अध्यात्म से जुड़कर ही मनुष्य किसी भी लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है। तथा सपरिवार सुखमय जीवन जी सकता है। उप संचालिका समता दीदी ने देश की आजादी में महिलाओं का बहुत बड़ा योगदान बताया उन्होंने कहा आजादी की लड़ाई में झांसी की महारानी लक्ष्मीबाई ने लड़ते हुए अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए । इस तरह अनेकों महिलाओं ने देश की आजादी में अपने आप को शहीद कर दिया । और आज वर्तमान परिवेश में पूरे विश्व में ब्रह्माकुमारी संस्थान महिलाओं द्वारा ही संचालित होता है । आज भी संस्था की प्रमुख राजयोगिनी दादी रतन मोहिनी जी मुख्य प्रशासिका ब्रह्माकुमारी हैं । उन्होंने देश के विकास में महिलाओं के योगदान को बड़े ही विस्तार पूर्वक बताया ।

बैरिया शाखा की प्रमुख संचालिका राज योगिनी बीके पुष्पा दीदी ने महाशिवरात्रि के आध्यात्मिक रहस्य को विस्तार पूर्वक बताया। और कहा कि मनुष्य परमपिता परमात्मा शिव पर भांग,धतूरे का फल, फुल, बेर आदि चढ़ाकर पूजा करते हैं। और शिव के उपर चढ़ाएं प्रसाद को ग्रहण नहीं करते क्योंकि इसका आध्यात्मिक रहस्य नहीं जानते । शिवरात्रि माना कलयुग रुपी रात्रि में मनुष्य अपने काम ,क्रोध ,मोह ,लोभ, अहंकार, आदि अवगुणों का परमपिता परमात्मा शिव को अर्पण कर अपने आप को अध्यात्म से जोड़कर राजयोग के माध्यम से घरों में सुख शांति समृद्धि को प्राप्त करते हुए इस जीवन को धन्य बनावे । लेकिन अज्ञानता बस मनुष्य पापाचार , दुराचार , अत्याचार करता रहता है। राजयोगिनी बीके पुष्पा दीदी,राजयोगिनी बीके समता दीदी ने सभी अतिथियों को अंग वस्त्र तथा ईश्वरी सौगात देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन राजयोगी बीके अजय भाई जी ने किया। इस दौरान बीके रामाधार भाई, वरिष्ठ पत्रकार सुधीर सिंह, शशिकांत ओझा, अनिल सिंह, अर्जून सिंह, शशि सिंह सहित सैकड़ों बीके भाई, बहने मौजूद रहीं।

Dainik Anmol News Team