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आखीर मे कब थमेगा गो वंश की मौत का सिलसिला !

बैरिया। विकास खंड मुरली छपरा अंतर्गत भगवान पुर गो आश्रय की स्थिति बिगड़ती जा रही है। इस गो आश्रय में रखी गई गाय, बछड़ा,सांड व बैलों का आये दिन मरने का सिलसिला जारी है। तहसील क्षेत्र अंतर्गत गो आश्रय केंद्र भगवानपुर वर्तमान समय मे उत्तर प्रदेश सरकार के सबसे बड़े प्रोजेक्ट गो आश्रय केंद्र सरकारी कर्मचारियों की लापरवाही के कारण गायों के मौत का आश्रय केंद्र बना हुआ है। कई बार पत्र प्रतिनिधियो द्वारा अखबारों में इसकी खबर को दर्शाया गया फिर भी इस गो आश्रय केंद्र से संबंधित जितने भी छोटे एवं बड़े अधिकारी है अपने कानों में तेल डाल कर बैठे हुए है। वर्तमान समय मे इसके देख रेख की जिम्मेदारी सम्बंधित ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत विकास अधिकारी के जिम्मे है। परंतु इन्हें इन मवेशियो के मरने जीने से कोई सरोकार नही है। गो आश्रय में मृत पड़े गो वंशो को चील कौए व कुत्ते नोच नोचकर खा रहे है। बताते चले कि बैरिया तहसील क्षेत्र अंतर्गत गो आश्रय केंद्र भगवानपुर में हैं जहां पर बड़ी मात्रा में गाय एवं गोवंश को रखा गया है। इस तहसील क्षेत्र के अंतर्गत कहीं भी गो वध के लिए ले जा रहे हैं ट्रकों को पकड़ा जाता है तो उसमें से बरामद की गई गाय एवं उसके बछड़े को भगवानपुर गो आश्रय केंद्र में रखा जाता है। जिसका रख रखाव सुचार रूप से नहीं चल रहा है जिसके कारण लगातार गाय और उनके बछड़े मर रहे हैं। पास पड़ोस में रह रहे लोगों का कहना है कि इससे तो अच्छा होता की इन गोवंश को कहीं दूरदराज के घास के मैदान में छोड़ दिया जाता जिससे कम से कम इनकी जान तो बच जाती। इस बावत इस आश्रय से संबंधित कर्मचारियों से पूछने पर वह अपनी जिम्मेदारी लेने से पल्ला झाड़ रहे हैं
आखिरकार इन मासूम जानवरों के देखरेख की जिम्मेदारी किसकी है।
गुरुवार को एक क्षेत्रीय पत्रकार के पहुंचने पर वहां के कर्मचारी मृत जानवरों के फोटो लेने से तथा वहां की गंदगी को कैमरे में कैद करने से मना किया जाने लगा। वहां मौजूद लोग जबरदस्ती पत्रकार को वहां से भगाने की कोशिश भी कर रहे थे। आखिर वे कौन लोग हैं जिनके इशारे पर गो आश्रय केंद्र की कमियों को दिखाने से रोका जा रहा है इस पर उत्तर प्रदेश सरकार को विशेष रुप से ध्यान देने की आवश्यकता है । क्योंकि अगर गो आश्रय केंद्र में जानवरों के मरने का सिलसिला इसी तरह चलता रहा तो एक दिन ऐसा आएगा की भगवानपुर गो आश्रय केंद्र वीरान हो जाएगा। ऐसे में माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का गौ रक्षा का सपना केवल कागजों में ही सीमित रह जाएगा। क्षेत्रीय लोगो ने जिलाधिकारी अदिति सिंह से इस संबंध में आवश्यक कारवाई करते हुये शेष बचे गोवंशों के उचित संरक्षण व योगी के सपनो के अनुरूप गो आश्रय के संचालन की जनहित में मांग की है।

Dainik Anmol News Team