बैरिया (बलिया)। लाइसेंसी असलहा रखना बना जी का जंजाल। क्षेत्र के बैरिया व दोकटी में लगभग तीन दर्जन से भी अधिक लोगो का जमा असलहा जंग लगकर खराब हो रहे हैं। ऐसे असलहों का धारक स्वर्ग को सिधार गये है। उनके परिजन थाना से लगायत जिला मुख्यालय तक चक्कर लगा- लगाकर थक हार कर बैठ गये है। आश्रितों ने नया लाइसेंस बनाने में अच्छा खासा पैसा भी खर्च किया फिर भी लाइसेंस नही बना। लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया इतना जटिल है कि लोग थाना,तहसील व जिला मुख्यालय पर हर टेबल पर बिना चढ़ावा दिये फ़ाइल को आगे नही बढ़ाया जाता है। किसी तरह फ़ाइल को फाइनली तैयार करके जिला मुख्यालय पर पहुंचा भी दिया जाता है तो बड़े हाकिमों के पास बड़ा सिफारिश नही होने के कारण फाइलो पर धुल चढ़ जाती है। फिर कोई न कोई चुनाव आ जाने की वजह से आचार संहिता लागू हो जाती है जिसमे ऐसे फाइलों पर रोक लग जाती है। फिर आचार संहिता खत्म होने के साथ फाइलों की मियाद खत्म हो जाने पर उसे पुनः वापस सम्बंधित थाना को लौटा दी जाती है। जिससे असलहा लाइसेंस की चाह रखने वाले कि पूरी मेहनत पर पानी फिर जाता है। क्षेत्रीय असलहा लाइसेंसधारी लोग व उनके परिजनों का कहना है कि शासन को ऐसा शासनादेश जारी करना चाहिये कि जैसे खेतिहर किसान के मृत्यु होने पर उनके खेत व प्रॉपर्टी का वरासत सम्बंधित वरिसानो के नामे कर दी जाती है उसी तरह असलहाधारी के मृत्यु होने अथवा शारीरिक रूप से अक्षम व कमजोर हो जाने पर उनके परिवार के आश्रितों की थाना स्तर से जांच कराकर पात्र पाये जाने पर इन असलहों को सम्बंधित आश्रितों के नाम प्राथमिकता के आधार पर असलहा का लाइसेंस शासनादेश के तहत जारी कर देना चाहिये। क्षेत्र के मुनिराम सिंह,शम्भूनाथ पाठक,श्रीपति यादव,रामनाथ यादव,शम्भूनाथ यादव सहित दर्जनों लोगों का कहना है कि क्षेत्र के थानो में जप्त असलहा शासन ने बिना जांच किये लाइसेंसधारी को असलहा खरीदने के लिये लाइसेंस तो दिया नही होगा तो फिर जांचोपरांत वरिसानो को लाइसेंस देने में इतना जटिल प्रक्रिया क्यो अपनाई जा रही है। क्षेत्र के लोगो ने पत्र के माध्यम से जिलाधिकारी अदिति सिंह से मांग की है कि प्राथमिकता के आधार पर ऐसे मांगो पर गंभीरता से विचार करते हुये शासन स्तर से गाइड लाइन जारी कराकर मृतक असलहाधारी के परिजनों को वरासत व शारीरिक रूप से अक्षम व कमजोर हो चुके लाइसेंसधारी के परिजनों को आसान प्रक्रिया के तहत लाइसेंस जारी करनी चाहिये।