Please assign a menu to the primary menu location under menu

Uncategorized

विधायक ने दिया पुलिस को चुनौती

बैरिया।ग्राम पंचायत सूर्यभानपुर में सोमवार को मतदान के दौरान धरना दे रहे बसपा समर्थित प्रत्याशी विनायक मौर्य के साथ हिरासत में लिए विभिन्न प्रत्याशियों के छह समर्थकों के खिलाफ दोकटी थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। उधर विनायक मौर्य ने थाने में उनकी व हिरासत में लिए गए अन्य समर्थकों की पिटाई का आरोप लगाते हुए कहा कि विधायक सुरेंद्र सिंह अगर रात में थाने पर नहीं पहुंचते तो पुलिस वाले मुझे मार डालते। जबकि पुलिस ने इससे इनकार किया है। 
बता दें कि सोमवार को ग्राम पंचायत सूर्यभानपुर में मतदानकर्मियों द्वारा एक प्रत्याशी के पक्ष में खुद मतदान करने का आरोप लगाते हुए जिला पंचायत के वार्ड नं तीन से बसपा समर्थित प्रत्याशी विनायक मौर्य ने मतदान केन्द्र के बाहर धरना दे दिया था। वहीं उनके समर्थकों ने महिला मतदानकर्मी के हाथ में लिए बैलट पेपर का वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। इस सूचना पर पहुंची पुलिस ने विनायक मौर्य को उठाकर गाड़ी में बैठा लिया साथ ही जिला पंचायत के इसी वार्ड से चुनाव लड़ रहे अन्य प्रत्याशियों के समर्थक नितिन सिंह हैपी, सुधीर यादव, शिवकुमार यादव, रामकुमार यादव, सनी उर्फ अश्वनी, भीमराम सहित कुछ अन्य लोगों को हिरासत में ले लिया। आरोप है कि पुलिस ने थाने में इनकी पिटाई भी की है।सूचना मिलने पर सोमवार रात में ही विधायक सुरेंद्र सिंह सैकड़ों समर्थकों के साथ दोकटी थाने पहुंच गए और थाने का घेराव कर दिया। इसके बाद दोकटी पुलिस बैकफुट पर आ गई। एसडीएम प्रशांत कुमार नायक व सीओ आरके तिवारी भी मौके पर पहुंच गए। विधायक के साथ दोनों अधिकारियों की देर रात तक हुई वार्ता के बाद पुलिस को कुछ लोगों को छोड़ना पड़ा। वहीं, हिरासत में लिए गए सभी लोगों को विधायक ने हवालात से निकलवा कर थाना दफ्तर में शिफ्ट कराया। इस बाबत क्षेत्राधिकारी बैरिया आरके तिवारी ने कहा कि हिरासत में लिए गए लोगों के साथ मारपीट या प्रताड़ित करने की कोई घटना नहीं हुई है। विनायक मौर्य समेत सात लोगों को खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उनका चालान कर दिया गया है। 
जो जिस भाषा में बात करेगा, उसी भाषा में जवाब पाएगा: सुरेंद्र सिंह
विधायक सुरेंद्र सिंह ने पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों के आचरण पर गंभीर आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा है कि लोकतंत्र में शिकायत करने का मौका सबको मिलना चाहिए। विनायक मौर्य भले बसपा से जुड़े हैं लेकिन उनकी शिकायत जायज थी, शिकायत की जांच होनी चाहिए थी, जबकि पुलिस ने उन्हें ही मारपीट कर बंद कर दिया। नितिन सिंह हैपी सहित कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कानूनी कार्रवाई तो ठीक है लेकिन किसी पुलिस वाले ने गुंडागर्दी करने का प्रयास किया तो मैं भी हाथ में चूड़ियां नहीं पहना हूं। जो जिस भाषा में बात करेगा वह उसी भाषा में जवाब पाएगा चाहे वह कितना बड़ा अधिकारी क्यों न हो।

Dainik Anmol News Team