दुबहड़, बलिया। अपने राष्ट्र और धर्म की रक्षा के लिए कुर्बानी देकर सोए भारत के स्वाभिमान को जगाने वाले मंगल पांडे ने अंग्रेजी साम्राज्य की विरुद्ध जो आवाज उठाई उसकी गूंज किसी न किसी रूप में अब भी हमारे समाज में सुनाई पड़ती है। लेकिन अफसोस इस बात का है कि लोग शहीदों की कुर्बानियों को भूलते जा रहे हैं। यह बातें रविवार की शाम मंगल पांडे विचार सेवा समिति के प्रवक्ता एवं सामाजिक चिंतक बब्बन विद्यार्थी ने मीडिया सेन्टर पर पत्रकारों से बातचीत में कही। कहा कि बागी बलिया की अस्तित्व और यहां के गौरवशाली इतिहास को कायम रखने के लिए युवाओं में अपने राष्ट्र के प्रति देशभक्ति का जज्बा पैदा करना होगा। वही साहित्यकारों, पत्रकारों एवं रंग कर्मियों, गायक व गीतकारों को शहीद के नाम कविता कहानी लेख नाटक व गीतों के माध्यम से मंगल पांडे के विचारों को जन-जन तक पहुंच कर लोगों को जागरूक करना होगा। यदि हम समर्पण भाव से इतना कर सके तो यही शाहीद के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
दुबहड़ से पन्ना लाल गुप्ता की रिपोर्ट:—