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” राजभाषा हिंदी की दिशा और दिशा” शीर्षक पर हुई गोष्ठी

बैरिया ।राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई, अमरनाथ मिश्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय दूबे छपरा, बलिया में राष्ट्रीय हिंदी दिवस उत्साहपूर्ण मनाया गया तथा एक गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसका शीर्षक था ” राजभाषा हिंदी की दिशा और दिशा” ।

गोष्ठी में विषय प्रवर्तन और संचालन करते हुए कार्यक्रम अधिकारी श्री संजय मिश्र ने कहा कि आज ही के दिन संविधान सभा ने हिंदी को राजभाषा घोषित किया था इसीलिए इसे हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इन्होनें कहा कि संविधान में हिंदी के विकास और विस्तार के लिए प्रावधान रहते हुए भी अंग्रेजी को षड्यंत्र पूर्वक आगे बढ़ाया गया। जिस हिंदी को हिंदुस्तान के माथे की बिंदिया बनाने की जरूरत थी ,उसे पैर की बिच्छू बना दिया गया। इन्होंने हिंदी को विज्ञान,तकनीक और बाजार की भाषा बनाने की अपील करते हुए सभी उपस्थितों से अधिक से अधिक हिंदी का प्रयोग करने का आह्वान किया। राजनीति विज्ञान के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ शिवेश प्रसाद राय ने कहा कि हिंदी का जन्म संस्कृत और प्राकृत भाषा से हुआ है तथा हिंदी आज तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। इन्होंने कहा कि आज हम हिंग्लिश भाषा का प्रयोग कर रहें है , जो हिंदी और इंग्लिश का बेमेल जोड़ है। साथ ही इन्होंने स्वाधीनता आंदोलन में हिंदी की भूमिका की चर्चा की। गोष्ठी में संस्कृत के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह तथा डॉक्टर गोपाल जी पाण्डेय ने भी विचार व्यक्त किए। छात्रों अंशुमान सिंह, रोहित चौबे,सलोनी सिंह,पलक सिंह इत्यादि ने भी अपने अपने विचार व्यक्त किए। अंत में प्राचार्य प्रो गौरी शंकर द्विवेदी के आशीर्वचन से कार्यक्रम का समापन हुआ इस अवसर पर डॉक्टर अजीत यादव, डा सिद्धार्थ कुमार, डॉक्टर चंद्र प्रकाश पाल, डा परमानंद पाण्डेय, रविंद्र ठाकुर योगेंद्र शाह तथा राम भजू इत्यादि उपस्थित रहे।

Dainik Anmol News Team